April 18, 2014

शब्‍दों की होली

लालू रेल
बिरसामुंडा जेल पहुंचकर फंस गई लालू की रेल
खींचतान कर बाहर निकले, बिगड़ गया सब खेल।
बिगड़ गया सब खेल भइया, छूटे सब संगी साथी 
‘राम’ और ‘हनुमान’ बन चुके अब भगवा के साथी।।

कुनबा
नाथ-नाथ कर बढ़ा रहे हैं कुनबा राजनाथ
पार्टी छोड़कर जाने वाले खुद को पाए अनाथ।
खुद को पाए अनाथ, समय फिर पलटा खाया
रथ रोकने वालों को, मोदी नाम ही भाया।।

अर्थशास्त्र
बिगड़ गई अर्थव्यवस्था, जनता हो गई तंग
भ्रष्टाचार-घोटाले बन गए यूपीए के अंग।
कहें ‘बाबा’ मनमोहन को ले डूबी महंगाई
काम न आया अर्थशास्त्र, चिंता में सोनिया माई।।

बुरे हाल
सर्वेक्षण बता रहे, हैं बुरे नीतीश के हाल
गठबंधन के साथी सामने ठोक रहे हैं ताल।
ठोक रहे हैं ताल, सामने नमो-सुमो की जोड़ी
जाने किसके हाथ आएगी सत्ता की डोरी।।

No comments: