ख़ामोशी
September 10, 2010
संयम
बादलो! बरसो पर इतना याद रहे
फुटपाथों पर सोने वाले भी रोते हैं
भीग जाये बिछौना
रात आँखों में काटते हैं …
यमुना तेरे तट पर भी तो लोग रहते हैं
बहते सपने देख क्या ये नहीं रोते हैं!
संयम क्यों गरीब ही रखें
थोड़ा तुम, थोड़ा ये रखें...
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