दो शब्द
(तुम्हारे लिए)
ये गेसू
खुले हुए
काले घने
मेघ जैसे...
गहरी, चंचल
दो आँखें
खुली हो
जैसे कि
पाखी की
पांखें, आस
कोई उम्मीद
पल रही
हो जैसे...
दो अधर
उन्मुक्त हंसी
निश्चिन्त भाव
वही तेज
वही ताव
एक अदा
सबसे जुदा
फूल कोई
खिला हो
अभी जैसे...
मुखमंडल पर
एक आभा
मासूमियत, शांति
समर्पण, संतुष्टि
उदार व्यक्तित्व
दृढ निश्चय
संयमित जीवन
मिठास भरी
हो जैसे...
(तुम्हारे लिए)
ये गेसू
खुले हुए
काले घने
मेघ जैसे...
गहरी, चंचल
दो आँखें
खुली हो
जैसे कि
पाखी की
पांखें, आस
कोई उम्मीद
पल रही
हो जैसे...
दो अधर
उन्मुक्त हंसी
निश्चिन्त भाव
वही तेज
वही ताव
एक अदा
सबसे जुदा
फूल कोई
खिला हो
अभी जैसे...
मुखमंडल पर
एक आभा
मासूमियत, शांति
समर्पण, संतुष्टि
उदार व्यक्तित्व
दृढ निश्चय
संयमित जीवन
मिठास भरी
हो जैसे...