कल रात आत्मा ने देह से कहा-
इस नश्वर काया से मुक्ति चाहती हूँ
इसलिए देह छोड़कर जा रही हूँ.
शरीर सहम गया
उसे प्रलोभन देने लगा
बोला- देखो!
मेरा शारीरिक सौष्ठव
इन बलिष्ठ भुजाओं को देखो
चौड़ी छाती और मेरा रूप देखो
मुझसे ही तो तुम्हारी पहचान है!
आत्मा मुस्कुराई
शायद देह के भीतर पल रहे डर को पढ़ लिया.
कहा- मैं न आती तो ये रूप कैसे पाते?
इतनी अकड़ कैसे दिखाते?
तुम्हारा शरीर अब मेरे लिए पुराना हो गया
मुझे नए लक्ष्य को प्राप्त करना है
इस देह का त्याग कर के
नए देह में जाना है.
न तो तुम
और न तुम्हारा मन ही पवित्र रहा
इसमें छल है, प्रपंच है
एक आसक्ति है
तुम्हारा जीवन ही आडम्बर है
मुझे यहाँ घुटन होती है.
शरीर पसीने पसीने
घबराया हुआ
कांपते हाथ-पैर
और फडफडाते अधर
किसी में तालमेल नहीं
आत्मा से साक्षात्कार के बाद शरीर
घबरा गया.
आत्मा ने उसे मोहलत दी है
अगली पूर्णमासी को
वह इस देह को छोड़ देगी.
शरीर चिंता में है
कोई विकल्प नहीं
बस इश्वर से
चमत्कार की उम्मीद कर रहा है.
हा हा हा हा
इसे कौन समझाए
कलयुग में चमत्कार नहीं होते!
इस नश्वर काया से मुक्ति चाहती हूँ
इसलिए देह छोड़कर जा रही हूँ.
शरीर सहम गया
उसे प्रलोभन देने लगा
बोला- देखो!
मेरा शारीरिक सौष्ठव
इन बलिष्ठ भुजाओं को देखो
चौड़ी छाती और मेरा रूप देखो
मुझसे ही तो तुम्हारी पहचान है!
आत्मा मुस्कुराई
शायद देह के भीतर पल रहे डर को पढ़ लिया.
कहा- मैं न आती तो ये रूप कैसे पाते?
इतनी अकड़ कैसे दिखाते?
तुम्हारा शरीर अब मेरे लिए पुराना हो गया
मुझे नए लक्ष्य को प्राप्त करना है
इस देह का त्याग कर के
नए देह में जाना है.
न तो तुम
और न तुम्हारा मन ही पवित्र रहा
इसमें छल है, प्रपंच है
एक आसक्ति है
तुम्हारा जीवन ही आडम्बर है
मुझे यहाँ घुटन होती है.
शरीर पसीने पसीने
घबराया हुआ
कांपते हाथ-पैर
और फडफडाते अधर
किसी में तालमेल नहीं
आत्मा से साक्षात्कार के बाद शरीर
घबरा गया.
आत्मा ने उसे मोहलत दी है
अगली पूर्णमासी को
वह इस देह को छोड़ देगी.
शरीर चिंता में है
कोई विकल्प नहीं
बस इश्वर से
चमत्कार की उम्मीद कर रहा है.
हा हा हा हा
इसे कौन समझाए
कलयुग में चमत्कार नहीं होते!