आजादी अब साठ की हो गयी
इसका हंसना
बीते दिनों की बात हो गयी!
पूत-कपूत उपजे कमाल
बेशर्मी की इन्तहा हो गयी!!
किसको है परवाह
जो इसकी खिदमत करे!
फुरसत यहाँ किसे!!
सभी अपनी झोलियाँ भरते रहे
आजादी का दामन
ज़ार-ज़ार करते रहे!
वह समय भी आएगा
जब आजादी बीते दिनों की बात होगी!!
फिर तकलीफ भरे दिन
और करवटों में रात होगी!!!
December 29, 2007
3. आजादी???
आजादी ...
एक-दूसरे का लहू बहाने की,
अपनों के ही ज़िंदगी में
ज़हर घोलने की!
आजादी...
बेटियों को गर्भ में ही
ख़त्म करने की!
दहेज़ के लिए सूली चढाने की!
आजादी...
देश को खोखला करने की,
आजादी...
क्या इसलिए मिली???
एक-दूसरे का लहू बहाने की,
अपनों के ही ज़िंदगी में
ज़हर घोलने की!
आजादी...
बेटियों को गर्भ में ही
ख़त्म करने की!
दहेज़ के लिए सूली चढाने की!
आजादी...
देश को खोखला करने की,
आजादी...
क्या इसलिए मिली???
2. सुनती हो!!!
सुनो...
मुझे कुछ कहना है
इन चाँद-तारों में नहीं
तुम्हारे संग रहना है...
प्रीति के संकेत
बेकार नहीं जाते!
ज़िंदगी के यह पल
बार-बार नहीं आते...
सुनती हो!
मुझे कुछ कहना है
मुझे इसी संसार में
तुम्हारे संग रहना है।
मुझे कुछ कहना है
इन चाँद-तारों में नहीं
तुम्हारे संग रहना है...
प्रीति के संकेत
बेकार नहीं जाते!
ज़िंदगी के यह पल
बार-बार नहीं आते...
सुनती हो!
मुझे कुछ कहना है
मुझे इसी संसार में
तुम्हारे संग रहना है।
1. मां
व्यर्थ न जाये वात्सल्य तुम्हारा
इसका अहसास रहेगा
लौटा सकूं
जीवन में कुछ तुमको
मेरा यह प्रयास रहेगा
तब तक
हे जननी मेरी!
मुझपर तेरा यह क़र्ज़ रहेगा.
इसका अहसास रहेगा
लौटा सकूं
जीवन में कुछ तुमको
मेरा यह प्रयास रहेगा
तब तक
हे जननी मेरी!
मुझपर तेरा यह क़र्ज़ रहेगा.
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