ख़ामोशी
February 26, 2011
ऊँचे हो तो और ऊँचे उठो
ऊँचे हो तो और ऊँचे उठो ना
किसने रोका है?
नीचे देखने से पाताल नहीं दिखेगा
हर आहट किसी के
आने की नहीं होती
ऊंचाई से दुनिया बौनी भले दिखे
पर हक़ीक़त में क्या बौनी होती है??
मन के भ्रम हैं
किसी के गिराने से कोई गिरता कहाँ है!!!
गुलाब
ये तो गुलाब थे
इन्हें क्यों तोड़ा
पंखुड़ियां ही समेट ली
काटों को क्यों छोड़ा??????
22.7.2010
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