June 9, 2009

26. लहरों ये क्या किया?

अ़री ओ सुनामी लहरों
तुमने ये क्या किया?
हजारों सपनो पर पानी फेर दिया!!
जब भी तुम आवेश में आती हो
तटों से सैकड़ों-हजारों घर
बहा ले जाती हो
...किंतु ये घर नही थे
ये तो सपने थे
जिन्हें लाखों जोड़ी आंखों ने
हकीकत में बदले थे।
अब तुम कभी आवेश में मत आना
बस तटों को छू कर चली जाना।

25. शायद भगवान इन्हीं को कहते हैं

कभी उनसे भी पूछिए
जो अट्टालिकाओं में बैठे हैं
गरीबों की नहीं
धनकुबेरों की जो सुनते हैं
जेब खाली हो तो
इनके दर्शन भी दुर्लभ हैं
बगैर चढावे के सुनते नहीं
दुनिया में जो सबसे ताकतवर है
शायद भगवान् उन्ही को कहते हैं ...