January 2, 2008

मुक्तक

13. गुमान

हिटलरी गुमान में
ऐंठ रहा अंग्रेज,
मनमानी है कर रहा
अंदर का चंगेज़।

14. वे तो लाये गए थे
वे जलसे में आये नहीं थे
जबरदस्ती बुलाए गए थे
ट्रकों, बसों और ट्रालियों में
भरकर लाये गए थे।

15. कब आओगे?
छिपे हो कहाँ
कब आओगे?
तुम्हारे आगमन की
बाट जोहती आंखें
थक जाएँगी
क्या तब आओगे?

16. इन्हें कैसे संभालें...
कभी खुद को
कभी इनको
और किस-किस को संभालें
दरक रहे हैं जो रिश्ते
उन्हें कैसे संभालें।
अनपढ़ नहीं...
इन पढे-लिखों को
कैसे संभालें..

1 comment:

Diva Designs said...

enjoyed going through this particular work , all the others are nice not to forget :)
thank you
Diva