ख़ामोशी
December 29, 2007
2. सुनती हो!!!
सुनो...
मुझे कुछ कहना है
इन चाँद-तारों में नहीं
तुम्हारे संग रहना है...
प्रीति के संकेत
बेकार नहीं जाते!
ज़िंदगी के यह पल
बार-बार नहीं आते...
सुनती हो!
मुझे कुछ कहना है
मुझे इसी संसार में
तुम्हारे संग रहना है।
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