लाल किले की प्राचीर से
गुन्जेगा पुनः वही जयघोष
गुंजायमान होगा देश।
हम याद करेंगे
चंद शहीदों की कुर्बानी!
क्षणमात्र को बंधेगा
एक सूत्र में
पुनः मेरा भारत महान!!
परन्तु ...
परस्पर वैमनस्य से रक्तरंजित
धरा की बदहाली पर
जब रोयेगा नभ
औ" बरसेगा मेघ
मुश्किल होगा कहना तब
कितनों ने आंखों में
अश्रु भरे कितनों ने पानी!!!
No comments:
Post a Comment