June 26, 2016

दीये का दर्द


अँधेरों से नित्‍य
संघर्ष करता हूँ
प्रतिदिन, प्रतिक्षण जलता हूं
रोशनी के लिए
हर बार तहस नहस करता हूँ
तम के बाह्य साम्राज्‍य को
किन्‍तु...
हज़ार बार जल कर भी

तल का तम मिटा नहीं पाता!!

3 comments:

Asha Joglekar said...

दिया जब तक जलता है अंधेरे को मिटाता ही है ।

Asha Joglekar said...

दिया जब तक जलता है अंधेरे को मिटाता ही है ।

Asha Joglekar said...

दिया जब तक जलता है अंधेरे को मिटाता ही है ।