December 30, 2007

5. जयहिन्द...

झुका सके हमें
है ज़माने में दम नहीं
आजमा ले कोई
हम भी किसी से कम नहीं।
यह हिंद है-
कितने ही वीरों ने यहाँ
अपने प्राणों की आहुति दी
गांधी ने आजादी दी।
पर अफ़सोस!
आजादी के इस शोर में
कहीं दब कर-कहीं घुट कर
रह गया, नारा वो
जयहिंद का!

1 comment:

GA said...

Kassh humara desh apno dharm aur jati ke virodh ko bhoolkar kabhi ek sutra main bandh jaye!!!!!!!!